मानव शृष्टि को बनाए रखने के लिए जल का संग्रहण आवश्यक है
- Destination Europe
- Added by Admin
- March 28, 2023
हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि जल ही जीवन है और जीवन को बनाए रखने के लिए अपरिहार्य जल की उपलब्धता निरंतर आवश्यक है, किन्तु पिछले कुछ वर्षों में मौसम वैज्ञानिकों द्वारा किए गए विभिन्न अनुसंधानों के अनुसार वर्तमान में समग्र विश्व में भारी 'जल संकट' की परिस्थिति बन गई है, जिसका सीधा असर मनुष्यों के सामान्य जनजीवन पर पड़ता दिख रहा है। वैज्ञानिकों के मतानुसार बढ़ती जनसंख्या एवं शहरीकरण का प्रसार जल संकट को गहराने का काम कर रहे हैं। भारत में विश्व की 18 प्रतिशत आबादी निवास करती है। ऐसे में भारत के लिए आने वाला समय जल की | उपलब्धता की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि विश्व का केवल 4 प्रतिशत नवीकरणीय जल संसाधन भारत में उपलब्ध है। अतः यदि हम जीवित रहना चाहते हैं, तो जल संरक्षण के बिना यह संभव नहीं होगा। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के साथ-साथ प्रति व्यक्ति को उपलब्ध पेयजल की लगातार गिरती मात्रा के कारण देश में उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पेयजल की उपलब्धता और इसकी मांग के बीच बढ़ते अंतर को देखते हुए सरकारें जल संरक्षण की आवश्यकता को महसूस कर रही हैं। इसके साथ ही पानी का सभी रूपों में किफायती इस्तेमाल और इसके एक दुर्लभ संसाधन होने संबंधी जागरूकता को बढ़ाने की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। आज स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि देश के विभिन्न हिस्सों में भूजल तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है, जिस वजह से कई जगहों पर लोगों को प्रदूषित जल ही पीना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ जहां मीठे जल की उपलब्धता है, उन क्षेत्रों में पानी की खपत इतनी अधिक है कि जल स्तर निरंतर गिरावट की ओर जा रहा है। ऐसे हालातों में पानी को लेकर कहीं दंगे हो रहे हैं तो कहीं जल निकायों के नियंत्रण को लेकर राज्य सरकारों के बीच विवाद हो रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब पानी के मसले पर दो देशों के बीच युद्ध की परिस्थिति का निर्माण हो जाएगा। इसलिए बेहतर यही होगा की हम प्रकृति द्वारा दिए गए इस संकेत को समझें और अपने जीने के तौर-तरीके में बड़ा परिवर्तन लाएं, अन्यथा प्रकृति तो अपना कार्य अपने हिसाब से कर ही लेगी, चाहे हम उसका सहयोग करें या नहीं।