ऊर्जा क्षेत्र में अवसर
- Destination Europe
- Added by Admin
- April 09, 2023

वर्तमान में भारत सबसे ज्यादा खर्च ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में करता है। सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है। बजट में संवहनीय जीवनशैली को प्रोत्साहन देने के अलावा स्वच्छ ऊर्जा के लिये 35000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हरित हाइड्रोजन मिशन को 20000 करोड़ रुपये दिये गये हैं। भारत का सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व में चौथा स्थान है। जम्मू-कश्मीर में हाल में लीथियम के भंडार का पता चला है जिससे नये अवसरों के द्वार खुल सकते हैं। ऊर्जा क्षेत्र में सफलता की गारंटी है। युवाओं और स्टार्टअप संस्थाओं को इसका लाभ उठाना चाहिये ताकि भारत 2047 तक ऊर्जा में आत्मनिर्भर और शुद्ध निर्यातक राष्ट्र बन सके।
सरकार भारतीय डिजिटलीकरण से उत्पन्न आकड़ों के उपयोग से संबंधित एक राष्ट्रीय डाटा गवनेंस नीति जल्दी ही लाने वाली है। इससे देश के आंकड़े नयी प्रौद्योगिकियों और नवोन्मेषों के विकास के लिये भारतीय युवाओं को उपलब्ध होंगे।
भविष्य की प्रौद्योगिकी में भारतीय नवोन्मेषक
पिछले साल विश्व में रियल टाइम लेन-देन का 41 प्रतिशत हिस्सा भारत में हुआ। इतिहास में पहली बार इस तेज रफ्तार और बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण हो रहा है। भारत स्वतंत्र विश्व के इतिहास में अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।
भारत प्रौद्योगिकी उद्योग में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर और सेवा कंपनी सब नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनी (नासकॉम) को एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 में इससे पहले के वित्त वर्ष की तुलना में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की वृद्धि दर 15.5 प्रतिशत रही। इस दौरान प्रौद्योगिकी क्षेत्र का राजस्व 200 अरब अमरीकी डॉलर से ज्यादा हो गया। कृत्रिम मेधा, ब्लॉकचेन, एनीथिंग ऐज सर्विस (एक्सएएएस), प्लेटफॉमॉइजेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, हाइपर स्कूल कंप्यूटिंग, वस्तु इंटरनेट, मशीन लर्निंग और आपूर्ति श्रृंखला जैसे विभिन्न प्रौद्योगिकीय उपक्षेत्रों में मांग और विकास में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जिसका फायदा स्टार्टअप उठा सकते हैं। सरकार आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत पर चलते हुए इन स्वदेशी व्यवसायों को वैश्विक विशाल प्रतिष्ठानों के रूप में उभरने में सक्षम बनाने के लिये तैयार है। वह इस बात के लिये प्रयासरत है कि भारतीय नवोन्मेषक भविष्य की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने में सक्षम बनें।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति स्टार्टअप के लिये वरदान 2
व्यवसाय और जीवन सुगमता बढ़ाने के लिये 17 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी (एनपी) शुरू की गयी। इस नीति का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स के खर्च को मौजूदा 13-14 प्रतिशत से भ कर विकसित देशों के स्तर पर लाना है। इससे स्वदेशी औरअंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धिता बढ़ेगी। साथ ही खर्च में कमी से अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में कार्यकुशलता बढ़ाने की कोशिशें तेज़ होंगी तथा मूल्य संवर्द्धन और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा।
एनएलपी की परिवर्तन लाने की क्षमता गतिशक्ति, सागरमाला और भारतमाला जैसी कनेक्टिविटी और अवसंरचना में सुधार लाने की पिछली योजनाओं के साथ मिल कर और भी बढ़ जाती है।
आवासन, अवसंरचना, मनोरंजन, आहार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा में अवसरों के साथ ही ऊर्जा, अंतरिक्ष और विज्ञान, मृदु शक्ति, पर्यटन, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्र भी भारतीय स्टार्टअप संस्थाओं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने की क्षमता रखते हैं।
भारत विश्व का ज्ञान और विषयवस्तु केंद्र
रक्ष खेल के साथ ही योग अध्यात्म, संगीत सिनेमा तथा भी दर्शन - साहित्य भी विश्व भर में भारत का वर्चस्व स्थापित करने की की क्षमता रखते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा कार्यक्रमों में भारत के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज दिवससबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। लिहाजा, हमें स्टार्टअप के जरिये भी भारत की मृदु शक्ति क्षमताओं का पूरा फायदा उठाने के तौर-तरीके विकसित करने चाहिए।
रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र
हमारा देश दशकों तक रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक रहा है। लेकिन अब हम दुनिया के 75 देशों को इन उपकरणों का निर्यात कर रहे हैं। भारत से रक्षा निर्यात पिछले पांच वर्षों में छह गुना बढ़ गया है। सरकार ने 2024-25 तक भारत से रक्षा निर्यात को 1.5 अरब डॉलर से बढ़ा कर पांच अरब डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सरकार ने रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवोन्मेष- इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सिलेंस (आईडेक्स) फ्रेमवर्क शुरू किया है। इसका उद्देश्य सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यमों, स्टार्टअप संस्थाओं, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, अनुसंधान और विकास संस्थानों तथा शिक्षा जगत के सहयोग से रक्षा, विमानन और अंतरिक्ष क्षेत्रों में नवोन्मेष और प्रौद्योगिकीय विकास को प्रोत्साहित करना तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इस फ्रेमवर्क के तहत अब तक सात डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज आयोजित किये जा चुके हैं।
आइडेक्स फ्रेमवर्क के अंतर्गत सरकार नवोन्मेष, डिज़ाइन और विकास पर ध्यान दे रही है। वह प्रोटोटाइप के सफल विकास के लिये स्टार्टअप संस्थाओं और नवोन्मेषकों को सहायता मुहैया करा रही है। डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज के विभिन्न दौरों में बड़ी संख्या में स्टार्टअप संस्थाओं ने हिस्सा लिया है। अब तक प्रोटोटाइप विकास के लिये 136 स्टार्टअप संस्थाओं को शामिल कर 102 अनुबंध किये गये हैं। मंत्रालय ने 14 आइडेक्स उत्पादों की आवश्यकता को मंजूरी दे दी है। इससे आइडेक्स विजेताओं को आपूर्ति का आदेश देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
सरकार ने 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्षों के लिये 498.78 करोड़ रुपये के बजट अनुदान से आइडेक्स से संबंधित केंद्रीय योजना को मंजूरी दी है। रक्षा बलों की ओर से जो समस्याएं सामने लायी जा रही हैं उनके प्रौद्योगिकी और प्रोटोटाइप विकास के जरिये तुरंत समाधान के लिये उन्हें आइडेक्स फ्रेमवर्क के अधीन लाया जाता है।
कृषि स्टार्टअप
2014 में कृषि बजट 25000 करोड़ रुपये से कम का था। लेकिन अब यह 125,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो चुका है। भारत में नौ साल पहले कोई भी कृषि स्टार्टअप नहीं था मगर अब इनकी संख्या 3000 से ज्यादा हो चुकी है। कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप संस्थाओं के लिये गतिवर्धक कोषों के सृजन से डिजिटल अवसंरचना निर्माण के साथ ही वित्त पोषण के रास्ते भी तैयार हो रहे हैं। युवाओं और नौजवान उद्यमियों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिये आगे बढ़ना चाहिये। छोटे किसानों के लाभ और कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप संस्थाओं केविकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिये श्री अन्न को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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